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How to Save Income Tax-

by manoffacts.com
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इनकम टैक्स बचाने के 45 तरीके-

Table of Contents

सुकन्या,PPF,NPS,NSC, म्यूचुअल फंड्स के बारे में अवश्य पढ़े।

पुरानी कर व्यवस्था में 2.5 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर कोई टैक्स का भुगतान नहीं करना होता है। जिन टैक्सपेयर्स की सालाना इनकम 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक है उन्हें 5% के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा।

नई कर व्यवस्था स्लैब में मूल छूट सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई। वेतनभोगी और पेंशन पाने वाले व्यक्तियों के लिए नई व्यवस्था के तहत 50,000 रुपये की मानक कटौती शुरू की गई थी। धारा 87ए के तहत कर योग्य आय को 5 लाख (12,500 रुपये की कर छूट) से बढ़ाकर 7 लाख रुपये (25,000 की कर छूट) कर दी गई है।

सरकारी नियमों के हिसाब से टैक्स दो तरीकों से कम होता है। पहला exemptions और दूसरा deductions.  पहले तरीके यानी exemptions में आपकी कुछ कमाई को टैक्स के योग्य नहीं माना जाता है।आपको कुछ खास मदों के तहत मिलने वाली इनकम, टैक्स के दायरे से बाहर होती है। जैसे HRA, LTA, transport allowance आदि

दूसरे तरीके यानी deductions में आपके कुछ खास किस्म के खर्चे टैक्स बचाने का मौका देते हैं। आपने इन तय तरीकों मे जितना पैसे लगाया होगा आपकी टैक्सेबल इनकम उतनी ही कम हो जाएगी। जैसे EPF, PPF, ELSS, NSC,NPS, सुकन्या आदि।

लेकिन सबसे बड़ी टैक्स में रियायत होती है tax free income । जी हां, इनकम टैक्स स्लैब (tax slab) के मुताबिक एक निश्चित सीमा तक कमाई टैक्स के दायरे में से बाहर होती है। फिलहाल ये सीमा 2.5 लाख रुपए है।

इस Post में हमने टैक्स छूट के तरीकों को चार श्रेणियों में बांटा है। इससे आपको समझने में आसानी होगी।

Tax-free Earnings

Deductions under section 80C

Deductions Other Than 80C

Tax Free Allowances

A. टैक्स छूट वाली कमाई | Tax Free Earnings

B. सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स छूट Tax Deductions Section 80C

C. सेक्शन 80 सी के अलावा टैक्स छूट Tax Deductions besides Section 80C

D. सैलरी से जुड़े टैक्स छूट वाले भत्ते और खर्च Tax Free Allowances And Expenses

A. टैक्स छूट वाली कमाई | Tax Free Earnings

TAX SAVING

1.ईपीएफ एकाउंट में नियोक्ता द्वारा जमा राशि  (Employer s Part in EPF)-

PF अकाउंट में आपकी ओर से जमा हिस्से पर Section 80C के तहत टैक्स से छूट मिलती है। EPF  में आपके नाम जमा दूसरा हिस्सा जो Employer की ओर से जमा किया जाता है वह भी Tax Exemption की श्रेणी में आता है। यानी कि इस पर भी आपको Tax नहीं देना पड़ता। Employer  का यह हिस्सा आपकी Basic Salary के 12 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। इससे अधिक होने पर बाकी Amount पर Tax देना पड़ेगा।

2. शेयर्स या इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर मिलने वाला प्रॉफिट  (Profit On Shares Or Equity Mutual Funds)-

अगर आपने Shares या Equity Mutual Funds में पैसा लगाया है तो एक साल बाद इन्हें बेचने पर मिला Profit पूरी तरह Tax Free होता है। क्योंकि इसकी गणना Long Term Capital Gain के तहत होती है। शेयरों के long term capital gains पर कोई  टैक्स नहीं लगता है। इतना ही नहीं shareholders को मिलने वाला dividend भी टैक्स फ्री होता है।  क्योंकि अपने शेयरधारकों को लाभांश देने के पहले Company सरकार को  Dividend Distribution Tax का भुगतान कर चुकी होती है।

3. बचत खाते का ब्याज (Interest On Saving Account)-

आपके Saving Account पर 10,000 रुपए तक के सालाना ब्याज पर टैक्स नहीं लगता। अगर यह 10,000 रुपए से ज्यादा है तो अतिरिक्त रकम पर टैक्स देना होगा।- Section 80 TTA

वित्तीय वर्ष में Saving Account पर 10,000 से ऊपर प्राप्त ब्याज पर भी टैक्स देना पड़ता है।

4. शादी/विवाह में मिले गिफ्ट (Gifts on Marriage)-

शादी-विवाह में दोस्तों और रिश्तेदारों से मिले Gifts पर आपको किसी तरह का टैक्स अदा नहीं करना पड़ता है। बशर्ते ये उपहार उस Date के आसपास  मिलने चाहिए, जिस Date को आपकी शादी हो। ऐसा नहीं हो कि शादी 16 मार्च को हो और Gift साल-छह महीने बाद में दिया जाए। हां इन Gifts की कीमत 50,000 रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। इससे  ज्यादा का होने पर वो Gift भी टैक्स के दायरे में आ जाएगा।

5. जीवन बीमा क्लेम या मेच्योरिटी राशि  (Life Insurance Claim Or Maturity Amount)-

अगर आपने Life Insurance करवाया है तो आपके Claim या Maturity पर मिलने वाली राशि पूरी तरह Tax छूट की हकदार होती है। शर्त यह है कि उसका प्रीमियम Sum Assured के 10 फीसदी से अधिक न हो। इससे अधिक का Premium होने पर अतिरिक्त रकम पर टैक्स देना होगा। अगर Insurance Policy आपने परिवार के किसी विकलांग या गंभीर बीमारी से ग्रस्त सदस्य के लिए ली है तो प्रीमियम राशि Sum Assured का 15 फीसदी भी हो सकती है।

6. एनआर ई सेविंग और एफडी एकाउंट का ब्याज-

अगर आप NRI  हैं तो आपके एनआरई (Non Resident External) एकाउंट पर मिलने वाला ब्याज भी भारत में पूरी तरह टैक्स छूट के तहत आता है। इसमें Saving Account और FD (फिक्स डिपॉजिट) दोनों तरह के खातों का ब्याज शामिल है। NRE Account में जमा राशि पर कोई Tax न लगने के कारण इस पर TDS भी नहीं कटता। यह सुविधा Singapore, UAE जैसे देशों में रहने वाले भारतीयों के लिए खास उपयोगी है, क्योंकि इन देशों में बहुत कम ब्याज दर (2 से 3 फीसदी) पर Loan मिल जाता है। इस लोन को भारत में NRE Account के तहत जमा करने पर बेहतर ब्याज मिल जाता है और Tax भी नहीं देना पड़ता।

7. पार्टनरशिप फर्म के रूप में मिला प्रॉफिट (Profit Gained As A Partnership Firm)-

अगर आप किसी Firm में पार्टनर हैं तो Share Of Profit के तौर पर मिला आपका हिस्सा टैक्स देनदारी से Free होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि कंपनी पहले ही इस पर Tax दे चुकी होती है। यहां ध्यान रखे कि टैक्स छूट सिर्फ Profit पर है, आपको मिलने वाली Salary पर नहीं।

8. वीआरएस में मिली राशि (Amount As VRS)-

अगर आपने VRS (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) लिया है तो आपको मिली 5 लाख रुपए तक की रकम Tax छूट की हकदार है। हालांकि यह सुविधा सिर्फ केवल सरकारी या Public Sector में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए ही है, Private कंपनी के कर्मचारियों के लिए नहीं।

9. विरासत या वसीयत में मिली संपत्ति (Property Through Inheritance Or Will-)

आपको अपने माता-पिता से विरासत में मिली Property, जेवर या Cash पर किसी तरह का Tax नहीं लगता। इसी तरह वसीयत के माध्यम से मिलने वाली Property या Cash रकम भी Tax Free Income  मानी जाती है। हां, ऐसी Property से आगे जो कमाई या ब्याज आदि आपको मिलेगा, उस पर Tax Slab के अनुसार टैक्स देना पड़ेगा।

10. कृषि आय (Agriculture Income)-

कृषि भूमि से होने वाली income पर किसी तरह का tax नहीं लगता है। इसमें उससे होने वाली उपज, उससे किराए के रूप में मिलने वाली रकम भी शामिल है। Agricultural Form बनाकर की जाने वाली खेती से प्राप्त Income भी इस छूट की हकदार है।

11. बिजनेस के दौरान खिलाने-पिलाने का खर्च (Food Expenses In Business)-

अगर आप Businessman हैं तो आपको अक्सर विभिन्न तरह के लोगों मसलन ग्राहकों, वेंडरों और कर्मचारियों से मिलना-जुलना होता है। अक्सर उनको खिलाने-पिलाने में भी काफी खर्च होता होगा। इन खाने-पीने का Bill  व्यावसायिक खर्चों के रूप में पेश करके उस रकम पर Tax बचाया जा सकता है।

B. सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स छूट

Tax Deductions Section 80C

Income Tax Act के Section 80C के तहत कुछ निवेशों निवेशों और खर्चों पर टैक्स नहीं भरना पड़ता है। सेक्शन 80C के तहत कुल छूट 1.5 लाख रुपए तक ही ली जा सकती है। इस सीमा में समय-सयम पर बदलाव होते रहते हैं।  ये निवेश और खर्च कौन- कौन से है, आइए जानते हैं।

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12. कर्मचारी भविष्य निधि  (Employee Provident Funds)-

आपके नाम पर Company या नियोक्ता की ओर से Employee Provident Funds (EPF) में पैसा जमा किया जाता है। इसमें आपका हिस्सा  basic salary का 12% होता है और नियोक्ता का भी इतना ही। इसमें आप अपने हिस्से पर Section 80C के तहत टैक्स छूट ले सकते हैं। इस रकम के ब्याज पर भी Section 80 C के तहत टैक्स से छूट मिलती है।

13. वीपीएफ (Voluntary Provident Fund (EPF)-

ईपीएफ में अगर आप चाहें तो अपनी Basic Salary का 12% से ज्यादा भी जमा कर सकते हैं। 12% की अनिवार्य कटौती से अतिरिक्त आप जो भी EPF account में जमा करते हैं उसे  voluntary provident fund (VPF) कहा जाता है। इस VPF पर भी 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है।

14. लोक भविष्य निधि (Public Provident Fund (PPF)-

ईपीएफ की तरह ही PPF यानी Public Provident Fund  है, जिसमें आप बैंक या पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवाकर जमा कर सकते हैं। इस खाते में आप regular पैसा जमा कर सकते हैं। पैसा खाता खुलवाने की तारीख से 15 साल तक lock  रहता है।  हर साल कम से कम 500 रुपए जमा करना जरूरी होता है। इसमें जमा रकम  Section 80 C के तहत टैक्स छूट मिलती है।

15. जीवन बीमा प्रीमियम (Life Insurance Premium Tax Deduction)-

सभी तरह की life insurance schemes के premium पर Tax छूट मिलती है। इसमें term plan, traditional plan, ULIP फिर Money Back policy आदि कोई भी हो सकती है । ये छूट सिर्फ आपकी policy पर नहीं है। बल्कि आप अपने परिवार (dependants) के लोगों के बीमा premium पर Tax Deduction का फायदा ले सकते हैं। बशर्ते, आप खुद उनका premium भर रहे हों।

16. पेंशन स्कीम (Pension Funds)-

सरकार pension scheme पर भी टैक्स छूट देती है। National Pension Scheme में Deposit की गई 1.5 लाख रुपए सालाना तक की रकम Section 80C के तहत Tax Deduction के योग्य होती है। NPS के अलावा mutual fund की पेंशन स्कीम भी Tax Deduction की हकदार होती हैं।

17. इक्विटी लिन्क्ड सेविंग स्कीम (ELSS-Equity Linked Savings Scheme)-

ELSS एक तरह का म्यूचुअल फंड फंड होता है इसीलिए इसे टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड  भी कहा जाता है। इसमें equity mutual funds की तरह आपका पैसा शेयरों में लगता है।  बस फर्क इतना होता है कि ELSS में जमा पैसा तीन साल के लिए लॉक हो जाता है।

18. होम लोन की किस्त में मूलधन का हिस्सा (Home loan EMI Principal)-

आपने घर बनवाने के लिए जो Home Loan लिया है उसकी किस्त में जो मूल धन का हिस्सा है, उस पर Section 80C के तहत Tax से छूट मिलती है। Home loan के ब्याज पर भी छूट मिलती है, लेकिन वह सेक्शन 24 के तहत आती है, जिसका उल्लेख नीचे अलग से किया गया है।

19. स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन चार्ज (Stamp Duty and Registration Charges)-

घर खरीदने के लिए जो Stamp Duty और Registration Charges आप अदा करते हैं, उसे  80C deduction में शामिल कर सकते हैं।आपने घर होम Loan लेकर खरीदा हो या फिर अपनी पूंजी से, दोनों स्थितियों में यह Tax छूट मिलेगी।

20. इन्फ्रास्ट्रक्चर बांड्स  (Infrastructure Bonds)-

इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र से जुड़ी कंपनियां जैसे Infrastructure Development Finance Company और India Infrastructure Finance Company आदि इन्फ्रास्ट्रक्चर बांड जारी करती हैं। इन Bonds पर ये कंपनियां आकर्षक ब्याज अदा करती हैं। इन पर Invest की गई रकम भी Section 80C के तहत Tax छूट के दायरे में आती है।

21. टैक्स सेविंग एफडी (Tax Saving FD (Fixed Deposits)-

बैंक अपने ग्राहकों को पांच साल की Tax Saving FD उपलब्ध कराते हैं। इनमें जमा की गई आपकी रकम पर Section 80 सी के तहत Tax से छूट मिलती है। यहां यह ध्यान रखें कि छूट सिर्फ मूल राशि पर मिलती है, इस पर मिलने वाले ब्याज पर नहीं। ब्याज पर टैक्स देना पड़ेगा।

22. 5 वर्षीय पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट ( 5-Year Post Office Time Deposit)-

पोस्ट ऑफिस में पांच साल के लिए कराई गई एफडी Post Office Time Deposit (POTD) की रकम भी टैक्स छूट के दायरे में होती है। हालाँकि POTD में जमा रकम पर मिलने वाले Interest पर आपको Tax देना पड़ता है।

23.सुकन्या समृद्धि खाता (Sukanya Samriddhi Account)-

केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई  Sukanya Samriddhi Yojana के अंतर्गत खोले गए Account पर भी Section 80C के तहत Tax Deduction का फायदा मिलता है। आप Post Office में अपनी 10 साल तक की दो बच्चियों के नाम Sukanya Samriddhi Account खोल सकते हैं।

24.नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) (National Savings Certificates)-

NSC भी एक post office saving scheme है। इसमें आप 100 रुपए से लेकर 10,000 तक के Certificates पांच साल के लिए खरीद सकते हैं। इन पर जमा रकम पर आप Section 80C के तहत Tax छूट प्राप्त कर सकते हैं। ध्यान रखें, NSC में जमा रकम की ब्याज में Tax छूट नहीं मिलती है।

25.सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम  (Senior Citizen Saving Scheme)-

आपकी आयु 60 वर्ष से अधिक है तो  Senior Citizen Saving Scheme के तहत बैंक या पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवा सकते हैं। इस एकाउंट में जमा रकम Section 80 C के तहत टैक्स छूट के योग्य होती है।  55 साल के बाद VRS यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले और सेना से retire लोग इस अकाउंट को 60 साल से पहले भी खुलवा सकते हैं।

26.बच्चों की पढ़ाई की फीस (Children’s Tuition Fees)-

आप अपने बच्चों की पढ़ाई पर जो Tuition Fees देते हैं, वह भी Section 80C के तहत tax saving के दायरे में आती है। ये छूट स्कूल, कॉलेज या संस्थान में जमा की गई Tuition Fees पर ही मिलती है। अन्य मदों जैसे smart class, development fee, registration fee आदि पर छूट नहीं मिलती है। यह छूट यह छूट सिर्फ Full Time कोर्सों के लिए दो बच्चों की Study तक ही सीमित होती है।

C. सेक्शन 80 सी के अलावा टैक्स छूट

Tax Deductions besides Section 80C

27.हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance)-

आपने खुद के लिए, अपने पति या पत्नी के लिए, अपने बच्चों के लिए अगर Mediclaim Policy ले रखी है तो Section 80D के तहत इसके Premium पर भी टैक्स से छूट मिलती है। यह छूट सामान्य नागरिकों को सालाना 20,000 रुपए तक और Senior Citizen को 30000 रुपए तक के Premium पर मिलती है।

28.गंभीर बीमारी से ग्रस्त का उपचार  (Dependent With Serious Illness)-

अपने Family के किसी Member के के गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने पर उसकी देखभाल में आने वाले 40,000 रुपए तक के खर्च पर टैक्स से छूट ले सकते हैं। बीमार के Senior Citizen होने पर यह छूट 60,000 रुपए तक और Super Senior Citizen  होने पर 80,000  रुपए तक के खर्च पर टैक्स छूट पा सकते हैं। कैंसर, एड्स, डिमेंशिया, पर्किंसन्स, थैलेसीमिया आदि बीमारियां इस श्रेणी में आती हैं। (सेक्शन 80 section 80DDB के तहत)।

29.आश्रित विकलांग की देखभाल (Care Of Disabled Dependent)-

अगर आपके Family  का कोई Member विकलांग है तो उसकी देखभाल में आने वाले खर्च को Section 80DD के तहत Tax में छूट के लिए उपयोग कर सकते हैं। TaxPayer के स्वयं विकलांग होने पर इसका फायदा section 80U के तहत लिया जा सकता है। विकलांगों को उनकी आमदनी में भी Normal Person के मुकाबले ज्यादा सीमा तक छूट मिलती है। Section 80 यू के तहत विकलांगता की गंभीरता या Level के अनुसार पर वह Maximum 10 लाख रुपए तक की आमदनी में Tax छूट प्राप्त कर सकता है।

30.बच्चों के सेविंग एकाउंट (Children’s Saving Account)-

अक्सर बच्चे अपने टैलेंट के दम पर प्रतियोगिता या स्टेज परफॉर्मेंस से कुछ रकम इकट्ठा कर लेते हैं। ऐसी आमदनी में से 1500 रुपए तक आप चाइल्ड अर्निंग के रूप में अपनी आय में क्लब करके टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं। इसी आधार पर बच्चों के नाम Saving Account खुलवाने पर सालाना 1500 रुपए तक की जमा रकम और इस पर मिलने वाला ब्याज Tax Free होता है। यह सुविधा सिर्फ दो बच्चों तक ही सीमित होगी। इस तरह आप सालाना कम से कम 3000 रुपए आमदनी पर और Tax से छूट पा सकते हैं। (section 64(1A))

31.एजुकेशन लोन का ब्याज (Interest Of Education Loan)-

Higher Study यानी Graduation और Post Graduation लेवल की पढ़ाई के लिए गए Education Loan पर जो ब्याज आप देते हैं, वह टैक्स से छूट प्राप्त होता है। यह किसी भी मात्रा में लिए गए Loan पर लागू होता है। Education Loan आप देश या विदेश में कहीं भी Study के लिए लें, यह छूट आपको मिलती है। ये छूट आप अपने बच्चे, पति/पत्नी या गोद लिए बच्चे के लिए भी प्राप्त कर सकते हैं। ऐसा भी तब, जबकि आपकी आय पहले से Taxable Income Slab में आती हो। इस छूट का लाभ Education Loan लेने वाला और उसके माता-पिता जो भी लोन  अदा कर रहा हो, वह ले सकता है। (सेक्शन 80E के तहत)

32.एजुकेशनल स्कॉलरशिप (Educational Scholarship)-

Study या research के लिए मिली Scholarship पर किसी तरह का Tax नहीं लगता। भले ही यह Government की ओर से  हो या फिर किसी Private संस्था की ओर से दी गई हो। यह छूट School Level से लेकर College लेवल तक किसी भी स्तर पर लागू होती है।

33.रॉयल्टी और पेटेंट (Royalty And Patent)-

रॉयल्टी और पेटेंट पर मिलने वाली रकम Tax से छूट प्राप्त होती है। हालांकि इसकी सीमा 3 लाख रुपए तक ही है। इसके ऊपर Income होने पर Tax Slab के अनुसार टैक्स अदा करना होगा। (सेक्शन 80RRB)

34.चैरिटी या डोनेशन (Charity Or Donations)-

अगर आप Social संस्थानों, Political पार्टियों, Scientific व शोध संस्थानों  को Charity या Donation में पैसा देते हैं तो भी आपके द्वारा दी गई रकम Tax छूट के योग्य होती है। अलग-अलग मामलों में Section 80G, 80GGA, 80GGC के तहत यह छूट आप पा सकते हैं।

35.होमलोन का ब्याज (Interest On Home Loan)-

इनकम टैक्स के Section 24 के अनुसार आपको Home Loan पर भरे जाने वाले ब्याज में भी छूट मिलती है। Home loan पर ब्याज से House Property से होने वाली Income को घटाने पर बची रकम पर आप टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं। ये Home Loan किसी भी प्रकार का, घर का निर्माण, मरम्मत, खरीद, उच्चीकरण किसी भी उद्देश्य के लिए हो सकता है। यह छूट अधिकतम दो लाख रुपए सालाना रकम तक ही मिलेगी। आईटी एक्ट में Section 80EE (बजट 2013 में शामिल ) में भी इसका प्रावधान किया गया है।

36.ग्रेच्युटी के रूप में मिली रकम ( Amount As Gratuity)-

आपने नौकरी के पांच साल पूरे कर लिए हैं तो नौकरी छोड़ने पर मिलने वाली Gratuity की रकम Income Tax छूट की हकदार होती है। Employee  की मौत की स्थिति में यह छूट आपकी पत्नी , बच्चे या अन्य आश्रित को भी कुछ शर्तों के साथ मिल सकती है। यह छूट सिर्फ 20 लाख रुपए तक के Amount पर ही मिलेगी और नियमनुसार ग्रैच्युटी होने पर ही।

37.कैपिटल गेन पर नुकसान को समायोजित करके  (Adjustment Of Capital Loss)-

आपको कोई संपत्ति, स्टॉक आदि बेचने में जो फायदा होता है वह Capital Gain कहा जाता है। कभी कभी इसमें घाटा भी हो जाता है, इसे Capital Loss कहा जाता है। जो घाटा एक साल के अंदर बेचे गए शेयर से होता है उसे short term capital loss कहा जाता है। किसी शेयर से होने वाले short term Capital Loss को दूसरे किसी  short term capital gains से समाोजित करके टैक्स बचाया जा सकता है। Current वित्त वर्ष में इसे न दिखा पाने पर अगले 8 वित्तीय वर्ष तक कभी भी इसे समाजयोजित कर सकते हैं। यहां यह ध्यान रखें कि Short Term Capital Loss को Short Term Capital Gain से ही समायोजित किया जा सकता है। इसी प्रकार Long Term Capital Loss को लांग Long Term Capital Gain  से समायोजित करते हैं।

D. सैलरी से जुड़े टैक्स छूट वाले भत्ते और खर्च

Tax Free Allowances And Expenses

38. एचआरए या हाउस रेंट अलाउंस (House Rent Allowance)-

अगर आप किराए के मकान में रहते हैं तो कंपनी की ओर से आपको मिलने वाला HRA या House Rent Allowance भी Tax छूट के योग्य होता है। यह आपके निवास संबंधित शहर के मुताबिक Basic Salary का 40 से 50 फीसदी तक हो सकता है। टैक्स में छूट के लिए तीन Conditions  की तुलना की जाती है। HRA के रूप में मिलने वाली रकम, आपकी Salary का 40 प्रतिशत, आपके अदा किए गए किराए से Salary का 10 फीसदी घटाकर। तीनों में जो Amount सबसे कम होगी, उस पर आप Tax से छूट प्राप्त कर सकते हैं।

39.मोबाइल और इंटरनेट बिल (Mobile And Internet Bill)-

आपको Job के दौरान Communication और सूचना के माध्यम के रूप में जो Telephone, मोबाइल, इंटरनेट आदि के लिए खर्च Company की ओर से मिलता है, उस पूरी राशि को आप Tax छूट के लिए claim कर सकते हैं। इस छूट के लिए इन खर्चों को दर्शाने वाला आपका Postpaid Bill ही मान्य होगा।

40.मेडिकल रिएम्बर्समेंट (Medical Reimbursement)-

कंपनी की ओर से आपके और आपके Family के सदस्यों पर हुए दवाओं और इलाज के खर्च के लिए जो  Medical Reimbursement मिलता है, वह भी पूरी तरह Tax छूट के योग्य होता है। इस की  Limit 15000 रुपए सालाना तक ही है। आपको Company  के HR विभाग में समुचित Bill भी पेश करना होगा।

41.एलटीए यानी यात्रा खर्च भत्ता (Leave Travel Allowance (LTA))-

Company की ओर से आपको मिलने वाला एलटीए Leave Travel Allowance  भी पूरी तरह से कर छूट के अंतर्गत आता है। यह कंपनी की ओर से अपने Employee को व उनके Family को छुटि्टयों के दौरान कहीं घूमने जाने का Allowance होता है। ये Allowance चार साल में दो बार के  के Tour लिए ही मिल सकता है। जिसकी रसीदें भी आपको पेश करनी होंगी। ध्यान रखें इस मद के अंतर्गत आपके सिर्फ Travelling यानी टिकट का खर्च कंपनी अदा करती है, Tour के दौरान खाने-पीने, ठहरने आदि का खर्च नहीं।

42.एंटरटेनमेंट एलाउंस  (Entertainment Allowance)-

अगर आप Government कर्मचारी हैं तो Entertainment Allowance पर टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं। आपकी Salary सेलरी का पांचवां हिस्सा, Entertainment पर हुआ आपका कुल खर्च या 5 हजार रुपए की राशि, इन तीनों चीजों में से जो भी सबसे कम हो, उस पर आपको यह Tax छूट मिलती है।

43. ट्रांसपोर्ट एलाउंस (Transport Allowance)-

आपको अपने निवास से Office या कार्यस्थल पर आने और कार्यस्थल से Residence तक जाने के लिए कंपनी की तरफ से जो Transport Allowance मिलता है, वह भी Tax छूट के योग्य होती है। आपकी Salary में उल्लिखित Amount  पर यह छूट मिलती है जो 1600 रुपए महीने या ₹19,200 से अधिक नहीं हो सकती।

44.यातायात खर्च (Travelling Expenses)-

ट्रांसपोर्ट भत्ते से अलग ऑफिस संबंधी कामों के लिए आने-जाने का Expense इस मद में आता है। इस मद में मिलने वाली पूरी Amount टैक्स छूट के अंदर आती है। इसकी कोई अधिकतम Limit भी नहीं है।

45. बच्चों की पढ़ाई व हॉस्टल खर्चे पर एलाउंस (Children’s Study Allowance)-

अगर आपको Employer की ओर से आपके बच्चों की Study के लिए भत्ता दिया जा रहा है तो यह भी टैक्स से छूट योग्य माना जाएगा। हालांकि इसकी Limit प्रति बच्चा 100 रुपए और वह भी दो बच्चों तक ही है। साथ ही अगर Hostel के खर्च के लिए अगर Allowance  मिल रहा है तो उस पर भी टैक्स छूट मिलेगी। इस पर टैक्स छूट योग्य खर्च की Limit 300 रुपए महीना है, जो दो बच्चों तक ही मिलेगी। ज्यादा खर्च होने पर अतिरिक्त राशि पर Tax लगेगा।

Q- How can I save 100% income tax?

Ans- Investing money in tax-saving instruments
1. Public Provident Fund.
2. National Pension Scheme.
3. Premium Paid for Life Insurance policy.
4. National Savings Certificate.
5. Equity Linked Savings Scheme.
6. Home loan’s principal amount.
7. Fixed deposit for five years.
8. Sukanya Samariddhi account.
9. Children’s tuition fees

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