राम मंदिर अयोध्या में क्या खास है, राम मंदिर क्यों फेमस है, अयोध्या राम मंदिर का इतिहास क्या है Ayodhya ram mandir, News ram mandir, Ayodhya ram mandir new update, ram mandir photos, ram mandir live.
22 जनवरी 2024 को श्री रामलला मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो चुकी है आइये हम जानते हैं कि अयोध्या स्थित राम मंदिर की कुछ मुख्य विशेषताएं उत्तर प्रदेश के अयोध्या में पूरे विश्व में आस्था का केंद्र राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को होने जा रहा है, सारे विश्व में हिंदुओं के लिए बड़े गर्व की बात है गैरतलब है कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी अयोध्या राम मंदिर में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा के पवित्र कार्यक्रम को संपन्न करेंगे परंपरागत शैली में तैयार किए गए राम मंदिर की सुंदरता देखने योग्य है चलिए जानते हैं मंदिर की कुछ खास बातों को जिन्हें आप शायद नहीं जानते होंगे
राम मंदिर की कुछ मुख्य विशेषताएं-
- भारत का सबसे बड़ा मंदिर- राम मंदिर ट्रस्ट के अनुसार मंदिर परंपरागत नागर शैली में बनाया जा रहा है, मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फुट और ऊंचाई 161 फीट है वहीं यह मंदिर तीन मंजिला होगा तथा प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फुट कल 392 खंभे और 44 द्वारा बनाए गए हैं
- मंदिर निर्माण करने वाली कंपनी- राम मंदिर बनाने का आर्डर भारत की बहुराष्ट्रीय कंपनी लार्सन ऐंड टुब्रो (L & T – Larsen and Toubro) को मिला है इसका मुख्यालय मुंबई में है यह विश्व के कई देशों में कार्यरत है तथा इसका कार्यालय एवं कारखाने पूरे विश्व में फैले हुए हैं
- मंदिर के डिजाइन में अनूठा विशेषताएं- राम मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक मंदिर तीन मंजिला होगा मुख्य गर्भ ग्रह में प्रभु श्री राम का बालक रूप “श्री राम लला सरकार का विग्रह” और प्रथम तल पर प्रभु श्री राम के जीवन की घटनाओं को दर्शाया जाएगा इसमें “श्री राम दरबार” का चित्रण किया गया है, मंदिर में पूर्व दिशा से 32 सीढ़ियां चढ़कर सिंह द्वारा में प्रवेश किया जा सकेगा
- राममूर्ति का निर्माण भारत के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा- मंदिर के गर्भ ग्रह में रामलाल की दो मूर्तियां (उनमें से एक 5 साल पुरानी) रखी जाएगी, 29 दिसंबर 2023 को अयोध्या में राम मंदिर के लिए रामलाल की मूर्ति का चयन मतदान प्रक्रिया के माध्यम से किया गया था, कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज को श्री राम लाल की मूर्ति बनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है
- निर्माण के लिए उपयोग की जाने वाली विशेष ईंटें- मंदिर के निर्माण के लिए विशेष रूप से श्री राम लिखी ईंटों का उपयोग किया जाएगा इनमें से कुछ ईंटें पुरानी और 30 वर्षों से अधिक समय से इनका उपयोग नहीं किया गया है इसीलिए इन्हें राम शिलाएं भी कहा जाता है
- मंदिर में प्राकृतिक सौंदर्यता के विशेष व्यवस्था- मंदिर के 70 एकड़ क्षेत्र में से 75% क्षेत्र हमेशा हरा-भरा बना रहेगा वही मंदिर में लोहे का उपयोग बिलकुल भी नहीं किया गया है, और ना ही धरती के ऊपर कंक्रीट बिछाई गई है, मंदिर को पूरी तरह से पत्थरों से बनाया गया है इसमें तांबा, सफेद सीमेंट और लकड़ी जैसे तत्वों का इस्तेमाल किया जाएगा
- मंदिर में विशेष पांच मंडप- मंदिर में विशेष तरीके के पांच मंडप बनाए गए हैं जिनमें क्रमशः नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप, तथा कीर्तन मंडप हैं
- मंदिर में दिव्यांगजन वृद्धो के लिए विशेष व्यवस्था- मंदिर के खम्भों व दीवारों में देवी देवताओं तथा देवांगनाओं की मूर्तियां उकेरी गई हैं, जो मंदिर की खूबसूरती को और बढ़ा देती हैं, दिव्यांगजन एवं वृद्धो के लिए मंदिर में रैंप व लिफ्ट की व्यवस्था की गई है
- मंदिर में परकोटा की विशेषताएं- मंदिर के चारों ओर आयताकार परकोटा रहेगा, चारों दिशाओं में इसकी लंबाई 732 मीटर और चौड़ाई 14 फिट है, पर कोटा के चारों कोनों पर सूर्य देव, मां भगवती, गणपति व भगवान शिव को समर्पित कर मंदिरों का निर्माण किया जा रहा है, वहीं उत्तर भुज में मां अन्नपूर्णा व दक्षिण भुज में हनुमान जी का मंदिर रहेगा
- मंदिर के समीप कई महर्षियों के मंदिर की विशेषता- मंदिर के समीप पौराणिक काल का सीताकूप विद्यमान रहेगा, मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर जैसे महर्षि वाल्मीकि मंदिर, महर्षि वशिष्ठ मंदिर, महर्षि विश्वामित्र मंदिर, महर्षि अगस्त मंदिर, निषादराज, माता शबरी व ऋषिपत्नी देवी अहिल्या को समर्पित होगा
- प्राचीन शिव मंदिर और जटायु प्रतिमा का निर्माण- दक्षिण पश्चिम भाग में नवरत्न कुबेर टीला पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है, और वहां जटायु प्रतिमा की स्थापना की गई है
- आपातकालीन स्थिति की विशेष व्यवस्था- मंदिर के नीचे 14 मीटर मोटी रोलर कंपैक्ट कंक्रीट (आर0सी0सी0 ) बिछाई गई है इसे कृत्रिम चट्टान का रूप दिया गया है, मंदिर को धरती की नमी से बचने के लिए 21 फीट ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है, मंदिर परिसर में स्वतंत्र रूप से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, अग्निशमन के लिए जल व्यवस्था तथा स्वतंत्र पावर स्टेशन का निर्माण किया गया है ताकि बाहरी संसाधनों पर न्यूनतम निर्भरता रहे
- 25000 क्षमता वाले लाकर व चिकित्सा की व्यवस्था- 25000 क्षमता वाले एक दर्शनार्थ सुविधा केंद्र का निर्माण किया जा रहा है, जहां दर्शनार्थियों का सामान रखने के लिए लाकर व चिकित्सा की सुविधाएं मौजूद रहेगी
- मंदिर परिसर में शौचालय व पेयजल की व्यवस्था- मंदिर परिसर में स्नानागार, शौचालय, वॉश बेसिन, ओपन टैप्स आदि की सुविधा भी रहेगी, मंदिर का निर्माण पूर्णतया भारतीय परंपरा अनुसार व स्वदेशी तकनीक से किया जा रहा है, पर्यावरण जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है
- मंदिर के नीचे टाइम कैप्सूल- सूत्रों के मुताबिक मंदिर के ठीक नीचे जमीन से 200 फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल रखा जाएगा, इस टाइम कैप्सूल को रखने का मुख्य उद्देश्य मंदिर की पहचान को सुरक्षित रखना होगा, इस टाइम कैप्सूल में मंदिर का पूरा विवरण और इतिहास लिखा जाएगा ताकि भविष्य में जन्मभूमि और राम मंदिर का इतिहास देखा जा सके और कोई विवाद की स्थिति न उत्पन्न हो
निष्कर्ष- राम मंदिर अयोध्या में क्या खास है, राम मंदिर क्यों फेमस है, अयोध्या राम मंदिर का इतिहास क्या है उम्मीद है आप सभी को इन सब सवालों के जवाब ऊपर लिखे गए आर्टिकल में मिल गए होंगे, धार्मिक आस्था का प्रतीक होने के साथ-साथ श्री राम मंदिर एक अद्भुत वास्तु शिल्प कृति है, भारत की आध्यात्मिक विरासत और भगवान श्री राम की अमर प्रसिद्ध की जीवित प्रमाण के रूप में यह मंदिर अयोध्या को भारत की आध्यात्मिक राजधानी बनाने की अहम भूमिका निभाएगा “जय श्री राम”
Q- भारत का सबसे बड़ा मंदिर कौन है?
Ans- अयोध्या राम मंदिर भारत का सबसे बड़ा मंदिर है
Q- अयोध्या राम मंदिर निर्माण करने वाली कंपनी कौन है?
Ans- अयोध्या राम मंदिर निर्माण करने वाली कंपनी लार्सन ऐंड टुब्रो (L & T – Larsen and Toubro) है
Q- अयोध्या राम मंदिर में राममूर्ति का निर्माण किसके द्वारा किया गया है?
Ans-राम मदिर में राममूर्ति का निर्माण भारत के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा किया गया है